The poem below is being reproduced as it is and the source is mentioned at the end.
वो तुम्हे गौमूत्र पर ले जाने की कोशिश करेगें, पर तुम पेट्रोल पर अड़े रहना !!
वो तुम्हे हिन्दू मुस्लिम पर ले जाने की कोशिश करेगें, तुम जॉब, गैस, राशन पर अड़े रहना !!
वो मंदिर बनाने की बात करेगें, तुम हॉस्पिटल पर अड़े रहना !!
वो स्टैचू बनाने को सही साबित करेंगें, तुम स्कूल बनवाने पर अड़े रहना !!
वो दल की बात करेंगे, तुम दाल के दाम पर अड़े रहना !!
वो कहेंगें New India बनायेंगे, तुम अच्छे दिन की डिलीवरी पर अड़े रहना !!
वो तुम्हें जय हिंद के नारों में उलझायेगें, तुम हिन्द के वासियों के वेलफ़ेयर पर अड़े रहना !!
वो कश्मीर की बात करेंगे, तुम बढ़ती कीमतों की बात पर अड़े रहना !!
वो मदरसों की बात करेगें, तुम किसानों की बात पर अड़े रहना !!
वो मन की बात करेगें, तुम काले धन की बात पर अड़े रहना !!
वो गौशाला खोलने की बात करेगें, तुम बच्चों के पाठशाला पर अड़े रहना !!
वो टैंक लगाने की बात करेगें, तुम अपने टैंक में पानी की सप्लाई पर अड़े रहना !!
वो हिंदू मुस्लीम की बात करेगे मगर तुम भारतीय बनने पर अड़े रहना !!
By –मिर्ज़ा
Source: http://www.kractivist.org; Posted by: Kamayani On: September 19, 2017